पारखी भी है या नहीं?
मिश्र में एक अद्भुत फकीर हुआ है झुन्नून। एक युवक ने आकर उससे पूछा, मैं भी सत्संग का आकांक्षी हूं। मुझे भी चरणों में जगह दो। झुन्नून ने उसकी तरफ देखा—दिखाई पड़ी होगी वहीँ बुद्ध की कलछी वाली बात जो दाल में रहकर भी उसका स्वाद नहीं ले पाती। उसने कहा,तू एक काम कर। खीसे …