Osho Stories | ओशो स्टोरीज

क्योंकि अहंकार ही शत्रु है

मैं हिमालय की यात्रा पर था। मनाली में एक वृक्ष के नीचे, पता चला मुझे कि एक साधु कोई बीस वर्षो से बैठता है। वहीं रहता है। वही वृक्ष उसका आवास है। घना वृक्ष था, सुंदर वृक्ष था। अभी साधु भिक्षा मांगने गया था। तो मैं उस वृक्ष के नीचे बैठ रहा। जब वह लौटकर …

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जितनी जल्दी बदल जाओ उतना अच्छा।

कल मैं एक कहानी पढ़ रहा था एक आदमी की। वह मरणशय्या पर पड़ा है। गीता सुनायी जा रही है। वह बेहोश है और बीच-बीच में सिर हिलाता है, हाथ ऊपर उठाता है। पास में पड़ोस की स्त्रियाँ बैठी हैं। कोई कहती है कि देखो, काका हाथ ऊपर उठा रहे हैं, शायद भगवान की तरफ …

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शिकायत

मैं तुमसे एक कहानी कहता हूं एक बहुत सुंदर कहानी। इसे जितना संभव हो सके उतनी गहराई से सुनो। एक महिला और उसका छोटा सा बच्चा समुंद्र की लहरों पर अठखेलियां करू रहे थे, और पानी का बहाव काफी तेज था। उसने अपने पुत्र की बांह मजबूती से पकड़ रखी थी और वे प्रसन्नतापूर्वक जलक्रीड़ा …

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विश्वास

बुद्ध एक गांव में गए थे। एक अंधे आदमी को कुछ लोग उनके पास लाए और उन मित्रों ने कहा कि यह आदमी अंधा है और हम इसके परम मित्र हैं। और हम इसे सब भांति समझाने की कोशिश करते हैं कि प्रकाश है, लेकिन यह मानने को राजी नहीं होता और इसकी दलीलें ऐसी …

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सत्य की वीणा

एक संन्यासी ईश्वर की खोज में निकला हुआ था और एक आश्रम में जाकर ठहरा। पंद्रह दिन तक उस आश्रम में रहा, फिर ऊब गया। उस आश्रम का जो बूढ़ा गुरु था वह कुछ थोड़ी सी बातें जानता था, रोज उन्हीं को दोहरा देता था। फिर उस युवा संन्यासी ने सोचा, यह गुरु मेरे योग्य …

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फासले

एक स्त्री ने एक छोटी सी किताब लिखी है — एक छोटे बच्चे के साथ बच्चा होकर रहने की। उस स्त्री की उम्र तो सत्तर साल है। सत्तर साल की स्त्री ने एक छोटा – सा प्रयोग किया है, एक पांच साल के बच्चे के साथ दोस्ती करने का। मुश्किल है बहुत। पांच साल के …

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मरघट

मैं छोटा था, तो मुझे मरघट जाने का शौक था। मरघट से मुझे बहुत मिला। गाँव में कोई भी मरे इसका कोई मुझे सवाल ही नहीं था मैं सभी की अर्थी में जाता था। जब मैं स्कूल न पहुँचूँ तो मेरे शिक्षक समझ लें कि कोई मर गया होगा गाँव में। जब मैं घर खाने …

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तुम सोए हो, गहन निद्रा में

गुरजिएफ कहता था एक कहानी बार—बार कि एक जादूगर के पास बहुत सी भेड़ें थीं। और उसने पाल रखा था भेड़ों को भोजन के लिए। रोज एक भेड़ काटी जाती थी, बाकी भेड़ें देखती थीं, उनकी छाती थर्रा जाती थी। उनको खयाल आता था कि आज नहीं कल हम भी काटे जाएंगे। उनमें जो कुछ …

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मृत्यु का दर्शन

एक प्राचीन रूसी कथा है। एक बड़े टोकरे में बहुत से मुर्गे आपस में लड़ रहे थे। नीचे वाला खुली हवा में सांस लेने के लिए अपने ऊपर वाले को गिराकर ऊपर आने के लिए फड़फड़ाता है। सब भूख—प्यास से व्याकुल हैं। इतने में कसाई छुरी लेकर आ जाता है, एक—एक मुर्गे की गर्दन पकड़कर …

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अहंकार के दीए

एक आदमी रात को झोपड़ी में बैठकर एक छोटे से दीये को जलाकर कोई शास्त्र पढ़ रहा था । आधी रात बीत गई जब वह थक गया तो फूंक मार कर उसने दीया बुझा दिया । लेकिन वह यह देख कर हैरान हो गया कि जब तक दीया जल रहा था, पूर्णिमा का चांद बाहर …

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