Kahawatho ki Kahaniya | कहावटो की कहानिया

पढ़ा खूब है, पर गुना नहीं

एक राजा ने अपने पुत्र को ज्योतिष की विद्या सीखने के लिये एक प्रसिद्ध ज्योतिषी के यहाँ भेजा। ज्योतिषी का बेटा और राजकुमार दोनों साथ ही शिक्षा प्राप्त करने लगे। कई वर्ष बाद ज्योतिषी ने राजा के पास आ कर निवेदन किया, महाराज, राजकुमार की शिक्षा पूर्ण हो गयी है।” राजा ने अपने पुत्र की …

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बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?

बचपन में बाबा एक कहावत कहते थे, “बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?” हम ने कहा, “बाबा ! यह कौन बड़ी बात है ? बिल्ली पकड़ कर आप लाइए घंटी तो हमबाँधहीदेंगे!!” तब बाबा ने हमें इस कहाबतका किस्सा सुनाया। आप भी पहले यह किस्सा सुन लीजिये! हमारे गाँव मे एक थे धनपत चौधरी! …

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इक्के दुक्के का अल्ला बेली

दिल्ली से कोई दस मील दूर फरीदाबाद शहर के रास्ते में एक नाला था। बहुत पहले वहां घना जंगल था। एक बुढ़िया वहां बैठ कर मुसाफिरों से भीख माँगा करती। उसके बेटे पास के नाले के किनारे छुपे रहते। वे लूट पाट का काम करते। जब कोई इक्का दुक्का मुसाफिर उधर से निकलता, तो बुढ़िया …

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लेना एक न देना दो

एक पोखर के पास एक मोर और कछुआ साथ साथ रहते थे। मोर पेड़ पर रहता और दाना चुग्गा खा कर प्रसन्न रहता। उसका मित्र कछुआ पोखर में रहता और बीच बीच में पोखर से बाहर निकल कर मोर के साथ देर तक बातें करता। एक बार उस स्थान पर एक बहेलिया आया और उसने …

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एक चुप सौ सुख

एक जमीदार था, एक उसकी घर वाली थी। घर मे दो जने ही थे। जमीदार खेत मे काम करता था और उसकी पत्नी घर का काम करती थी। पति-पत्नी दोनों ही गरम स्वभाव के थे। थोड़ी थोड़ी बात पर दोनों मे ठन जाती थी। कभी कभी तो घरवाली का बना बनाया खाना भी बेकार हो …

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करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान

एकलव्य एक नीची जाति का बालक था। वह अपने माता-पिता के साथ जंगल में रहता था। वह प्रतिदिन चारे की खोज में अपने पिता के साथ जंगल में जाता था। एकलव्य के पिता खंजर से शिकार करते थे। एकलव्य भी खंजर से अभ्यास करने के लिए जंगल में जाते थे। एकलव्य के लिए यह एक …

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सांच को आंच नहीं

किसी नगर में एक जुलाहा रहता था। वह बहुत बढ़िया कम्बल तैयार करता था। कत्तिनों से अच्छी ऊन खरीदता और भक्ति के गीत गाते हुए आनंद से कम्बल बुनता। वह सच्चा था, इसलिए उसका धंधा भी सच्चा था, रत्तीभर भी कहीं खोट-कसर नहीं थी। एक दिन उसने एक साहूकार को दो कम्बल दिए। साहूकार ने …

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किस्सा हूर और लंगूर का

आप जितने भी जोड़े देखते होंगे उनमें से 95 प्रतिशत बेमेल ही मिलेंगे। पता नहीं क्या जादू है कि हमेशा हूर लंगूर के हाथों ही आ फँसती है। हमारे हाथ में भी आखिरकार एक हूर लग ही गई थी, आज से छत्तीस साल पहले। जब शादी नहीं हुई थी हमारी तो बड़े मजे में थे …

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बिल्ली के गले में घंटी

एक बहुत बड़े घर में सैकड़ों चूहे रहते थे। वे चारों ओर उछल-कूद करते हुए अपना पेट आराम से भर लेते थे और फिर जब उन्हें खतरा दिखाई देता तो बिल में जाकर छिप जाते थे। एक दिन उस घर में न जाने कहाँ से एक बिल्ली आ गई। बिल्ली की नज़र जैसे ही चूहों …

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देखना है ऊँट किस करवट बैठता है

एक गाँव में सप्ताह में एक बार हाट लगती थी। दाल, सब्जी, अनाज, कपड़े यानि घर-गृहस्थी का सारा सामान उस हाट में मिल जाता था। आस-पास के गाँवों से भी लोग उस हाट से सामान खरीदने आते थे। दुकानदार हाट में बेचने के लिए अपना सामान बैलगाड़ी, ऊँट,खच्चर पर लादकर लाते थे। छोटे-छोटे दुकानदार तो …

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