Baal Krishna Leela | बाल कृष्णा लीला

महाभारत

द्वारिका में रहकर कृष्ण ने धर्म, राजनी‍ति, नीति आदि के कई पाठ पढ़ाए और धर्म-कर्म का प्रचार किया, लेकिन वे कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध को नहीं रोक पाए और अंतत: महाभारत में वे अर्जुन के सारथी बने। उनके जीवन की ये सबसे बड़ी घटना थी। कृष्ण की महाभारत में भी बहुत बड़ी भूमिका …

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जरासंध का वध

इंद्रप्रस्थ के निर्माण के बाद युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ का आयोजन किया और आवश्यक परामर्श के लिए कृष्ण को बुलाया। कृष्ण इंद्रप्रस्थ आए और उन्होंने राजसूय यज्ञ के आयोजन का समर्थन किया। लेकिन उन्होंने युधिष्ठिर से कहा कि पहले अत्याचारी राजाओं और उनकी सत्ता को नष्ट किया जाए तभी राजसूय यज्ञ का महत्व रहेगा और …

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द्वारिका

@ द्वारिका में रहकर कृष्ण ने सुखपूर्वक जीवन बिताया। यहीं रहकर उन्होंने हस्तिनापुर की राजनीति में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं और 8 स्त्रियों से विवाह कर एक नए कुल और साम्राज्य की स्थापना की। द्वारिका वैकुंठ के समान थी। कृष्ण की 8 पत्नियां थीं:- रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, मित्रवन्दा, सत्या, लक्ष्मणा, भद्रा और कालिंदी। इनसे उनका कई …

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महाभिनिष्क्रमण

कालयवन के मारे जाने के बाद हड़कंप मच गया था। अब विदेशी भी श्रीकृष्ण के शत्रु हो चले थे। तब अंतत: कृष्ण ने अपने 18 कुल के सजातियों को मथुरा छोड़ देने पर राजी कर लिया। वे सब मथुरा छोड़कर रैवत पर्वत के समीप कुशस्थली पुरी (द्वारिका) में जाकर बस गए। -(महाभारत मौसल- 14.43-50) यह …

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जरासंध का आक्रमण

जब कंस का वध हो गया तो मगध का सबसे शक्तिशाली सम्राट जरासंध क्रोधित हो उठा, क्योंकि कंस उसका दामाद था। जरासंघ कंस का श्वसुर था। कंस की पत्नी मगध नरेश जरासंघ को बार-बार इस बात के लिए उकसाती थी कि कंस का बदला लेना है। इस कारण जरासंघ ने मथुरा के राज्य को हड़पने …

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गुरु का आश्रम

दोनों भाइयों को अस्त्र, शस्त्र और शास्त्री की शिक्षा के लिए सांदीपनि के आश्रम भेजा गया, जहां पहुंचकर कृष्ण-बलराम ने विधिवत दीक्षा ली और अन्य शास्त्रों के साथ धनुर्विद्या में विशेष दक्षता प्राप्त की। वहीं उनकी सुदामा ब्राह्मण से भेंट हुई, जो उनका गुरु-भाई हुआ। इस आश्रम में कृष्ण ने अपने जीवन के कुछ वर्ष …

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कंस का वध

वृंदावन में कालिया और धनुक का सामना करने के कारण दोनों भाइयों की ख्याति के चलते कंस समझ गया था कि ज्योतिष भविष्यवाणी अनुसार इतने बलशाली किशोर तो वसुदेव और देवकी के पुत्र ही हो सकते हैं। तब कंस ने दोनों भाइयों को पहलवानी के लिए निमंत्रण ‍दिया, क्योंकि कंस चाहता था कि इन्हें पहलवानों …

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गोवर्धन पर्वत

वृंदावन के पास ही गोवर्धन पर्वत है। यहीं पर कृष्ण ने लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। उस काल में लोग इंद्र से डरकर उसकी पूजा करते थे। कृष्ण ने उनके इस डर को बाहर निकाला और सिर्फ परमेश्वर के प्रति ही प्रार्थना करने की शिक्षा दी। नंद इन्द्र की पूजा का उत्सव …

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रासलीला

मान्यता है कि यहीं पर श्रीकृष्‍ण और राधा एक घाट पर युगल स्नान करते थे। इससे पहले कृष्ण की राधा से मुलाकात गोकुल के पास संकेत तीर्थ पर हुई थी। वृंदावन में ही श्रीकृष्ण और गोपियां आंख-मिचौनी का खेल खेलते थे। यहीं पर श्रीकृष्ण और उनके सभी सखा और सखियां मिलकर रासलीला अर्थात तीज-त्योहारों पर …

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कालिया और धनुक का वध

फिर कुछ बड़ा होकर उन्होंने कदंब वन में बलराम के साथ मिलकर कालिया नाग का वध किया। फिर इसी प्रकार वहीं ताल वन में दैत्य जाति का धनुक नाम का अत्याचारी व्यक्ति रहता था जिसका बलदेव ने वध कर डाला। उक्त दोनों घटनाओं से कृष्ण और बलदेव की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी। इसके …

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