यह हुजूर का दिया है
सर्दियाँ ख़त्म हो रही थी और सूर्य की किरणों की गरमी बढ़ने लगी थी। माहौल बड़ा सुखद प्रतीत हो रहा था। ऐसे में बीरबल और अकबर अपने अपने घोडो पर सवार होकर कुदरत के नज़ारे देखने को निकल पड़े। चारो और की सुन्दरता को देखकर बादशाह के मुंह से यह निकल पड़ा – “भाई अस्क …