महाबली भीमसेन
भीमसेन कुंती का दूसरा पुत्र था| इसका जन्म पवन देवता के संयोग से हुआ था, इसी कारण इसमें पवन की-सी शक्ति थी| इसके उदर में वृक नामक तीक्ष्ण अग्नि थी, इसीलिए इसका नाम वृकोदर भी पड़ा| जिस समय इसका जन्म हुआ, उसी समय आकाशवाणी हुई थी कि भीमसेन वीरों में श्रेष्ठ होगा और यह बड़े-बड़े …